करोना समय

Spread the messageदुष्यन्त सिंह चौहान द्वारा रचित कविता आप के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ।दुष्यन्त एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति हैं – चित्रकार, कवि, फोटोग्राफ़र और बाईकर..देश प्रेम को दिल में लिए एक सिपाही। उन्ही के शब्दों में सब कुछ देखा, सब में डूँढा.. तेरा जैसा कोई नहीं माँ.. मैं हूँ पथिक, मार्ग की बाधा कंकड़ काँटों से परिचित हूँ,मंज़िल दूर बहुत है लेकिन मैं गतिशील और अविजित हूँ .. बीत गए दिन रैना बन बन… कब उग आयी किरन सुबह की, कब हो गया सबेरा,चिड़ियाँ कब चहकी डालों पर, … Continue reading करोना समय