जो कह दिया वह *शब्द* थे ;
जो नहीं कह सके
वो *अनुभूति* थी ।।
और,
जो कहना है मगर ;
कह नहीं सकते,
वो *मर्यादा* है ।।
*पत्तों* सी होती है
कई *रिश्तों की उम्र*,
आज *हरे*——-!
कल *सूखे* ——-!
क्यों न हम,
*जड़ों* से;
रिश्ते निभाना सीखें ।।
रिश्तों को निभाने के लिए,
कभी *अंधा*,
कभी *गूँगा*,
और कभी *बहरा* ;
होना ही पड़ता है ।।
जिस बात पर ,
कोई *मुस्कुरा* दे;
बात ——–!
बस वही *खूबसूरत* है
थमती नहीं,
*जिंदगी* कभी,
किसी के बिना ।।
मगर,
यह *गुजरती* भी नहीं,
अपनों के बिना ।।
The words you write or speak to others can leave a huge impact and create a lasting memory–either good or bad–so it’s super important to choose them wisely. Words can make or break a relationship and your choice of words and the way you express yourself can accelerate or kill your career.
“Raise your words, not your voice. It is rain that grows flowers, not thunder.”
Rumi
“Handle them carefully, for words have more power than atom bombs.”
Pearl Strachan Hurd
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